झांसी के टहरौली तहसील अंतर्गत चल रहे इक्रीसैट के काम को देखने के लिये ईरान, केन्या और भारत के अन्य राज्य से अधिकारी आये। जिन्होंने तहसील टहरौली अंतर्गत ग्राम भड़ोखर में हवेली सिस्टम को देखा।
प्रोजेक्ट हैड डॉ रमेश सिंह ने उन्हें योजना के विषय में जानकारी देते हुए स्थलीय निरीक्षण करवाया। विदेश से आये अधिकारियों में संरक्षित खेती की बारीकियों को सीखने के लिये 21 दिन की ट्रेनिंग पर भारत आये हुए हैं जिनमें ईरान से मोहम्मद शाहराम पारवारेस, जफरजादेह जफर, मेहरबान असगर एवं केन्या से सालू फेथ नायगुटे एवं भारत से डॉ देवदत्त सेठी, डॉ अंशुमान नायक एवं डॉ महेन्द्र मीना शामिल थे।
इसके अलावा बुंदेलखंड क्षेत्र के मुख्य वन रक्षक अपने साथी अधिकारियों के साथ मौजूद रहे। इन सबने जल संरक्षण के कार्य को देखा एवं मौजूद किसानों से बात की। इस कार्य को देखने के बाद इनका मानना था कि इस प्रकार के जल संचयन के कार्य का क्रियान्वयन सम्पूर्ण बुंदेलखंड में किया जाना चाहिये जिससे यहां की पानी की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सके।
इस मौके पर डॉ रमेश सिंह के नेतृत्व में डॉ कौशल गर्ग वरिष्ठ वैज्ञानिक हाइड्रोलॉजी, डॉ के एच अनंता वरिष्ठ वैज्ञानिक एनआरएम, डॉ श्रीकांत रूपा बाथरम क्लस्टर लीडर डिजिटल एग्रीकल्चर, डॉ वेंकट राधा वैज्ञानिक वाडोज जॉन हाइड्रोलॉजी, डॉ रोहन कोपाडे वैज्ञानिक हॉर्टिकल्चर, डॉ कपिल राजे वैज्ञानिक एंथोमोलॉजी, डॉ सौरभ रॉय वैज्ञानिक हाइड्रोलॉजी, रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस, डॉ नागार्जुन रेड्डी वैज्ञानिक पेडोमेट्रिक्स एवं डिजिटल स्वाइल मैपिंग, डॉ इसरार मजीद वैज्ञानिक पेडोमेट्रिक्स एवं सॉइल स्पेक्ट्रोकॉपी, डॉ आदर्श त्रिपाठी पीएचडी शोधार्थी आईआईटी खड़गपुर,डॉ अशोक शुक्ला सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर शिशिवेंद्र कुमार सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर, सुनील कुमार निरंजन सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर,दीपक त्रिपाठीसीनियर साइंटिफिक ऑफिसर,ललित किशोर सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर, बृजेश सिंह,विजय सिंह,शैलेंद्र सोनी आदि मौजूद रहे।