झांसी जिले में मऊरानीपुर कोतवाली पिछले 6 महीने से चर्चाओं में है। जहां पिछले 6 माह से बाईक चोरी, बकरी चोरी, घरों में चोरी, छिनेती, जेसी घटनाएं लगातार चोर अंजाम दे रहे है।
वही अब विगत दिनों ग्राम मेलानी में हुई दो घरों में चोरी की घटना को अंजाम देने वाले गिरोह का पुलिस द्वारा खुलासा करते हुए पकड़े गए चोरों से एक साथ कई चोरियो का खुलासा कर मऊरानीपुर पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाई है। लेकिन अब पुलिस का खुलासा सवालों के घेरे में बना हुआ है।
क्योंकि पीड़ित को पता ही नही है की उसके घर चोरी करने वाले चोर पकड़े गए है। और उनसे आभूषण भी बरामद हुए है। पीड़ित किसान परिवार उक्त खुलासे को फर्जी बता रहा है। ताकि पुलिस अपनी नाकामी को छुपा सके।
जानकारी के अनुसार मऊरानीपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मेलानी निवासी लखपति यादव और सुरेंद्र यादव के घर विगत 24 मार्च को अज्ञात चोरों द्वारा चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था। जिसके बाद पुलिस ने अपनी पुरानी कहानी के तहत जांवाजी दिखाते हुए तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया। जिसमे पकड़े गए शातिर बदमाशो में से एक का अच्छा खासा अपराधिक इतिहास बताया गया। वही दो लोग अभी जुर्म की दुनिया में शामिल होना बताया था।
लेकिन पुलिस का खुलासा जब सवालों के घेरें में आया । जब पीड़ित किसान परिवार ने घरों में चोरी हुए आभूषण की पहचान करने की गुहार लगाई। की हम केसे विश्वास करे की जिन चोरों को आपने पकड़ा है। उन्होंने ही घरों में चोरी की है। लेकिन पुलिस द्वारा आभूषण न दिखाकर न्यायालय से अपने आभूषण लेने की बात कही।
वही नगर में चर्चा का विषय यह भी बना हुआ है। की आखिर 4 चोरियो को अंजाम देने वाले गिरोह को पकड़ने के बाद पुलिस द्वारा पीड़ित व्यक्तियों से उनके चोरी हुए आभूषण की शिनाख्त क्यों नही कराई गई। और पुलिस खुलासा को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है।
वही लोग दबी जुबान में चर्चा कर रहे है की झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को गुमराह करने का मऊरानीपुर कोतवाली पुलिस द्वारा प्रयास किया गया। ताकि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को ये लगे की मऊरानीपुर कोतवाली पुलिस चोरों के खिलाफ कार्यवाही कर रही है।
लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है। जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है।