प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा के अनुसार नवरात्रि में प्रतिपदा के दिन मिट्टी के कलश में जवारे बोये जाते है नवे दिन महिलाये मिट्टी के कलश को सिर पर रखकर भजनों को गाती हुई मातारानी के मंदिर जाती है जहाँ विधि विधान से पूजा अर्चना के उपरांत जबारो को नदी के जल में प्रवाहित कर दिया जाता है।
नगर के मुहल्ला नजरगंज में मेवाराम राय के यहाँ बोये गए जबारो को डीजे के साथ बड़े हर्षोल्लास से निकाला गया एवं नगर में अन्यत्र लोगो के यहाँ बोये गये ज्वारों को बड़े ही भक्तिभाव के साथ निकाला गया।मातारानी के जयकारो से नगर की गलियां गूँजमान रही। नवरात्रि के नवे दिन मातारानी के मंदिरों पर श्रद्धालुओं की बड़ी अपार भीड़ रही।