एडिट By अर्पित शर्मा 9453111997
रिपोर्ट – रवि परिहार
झांसी की मऊरानीपुर पुलिस हमेशा अपने कार्यों के चलते सुर्खियों में रही है। चाहे जुए , गांजे जैसे अवेध कार्य को संरक्षण देना या फिर सिस्टम बनाकर किसी को पकड़ना और छोड़ना यह हमेशा मऊरानीपुर पुलिस की सुर्खियों में रहने की वजह है।कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
पुलिस ने बस में सफर कर रहे दो लोगो को अवैध असलहे के साथ गिरफ्तार किया। और फिर एक को सिस्टम के तहत छोड़ दिया। और दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
मामला विगत दिवस पूर्व का है । जब मऊरानीपुर कोतवाली क्षेत्र के गुरसराय हाइवे के पास का है। जब गुरसराय से मऊरानीपुर आ रहे अजय और अरविंद जेसे ही गुरसराय रोड हाईवे के पास आए तभी मुखवीर की सूचना पर पुलिस दोनो युवकों को अवैध असलहे के साथ गिरफ्तार कर लिया। और दोनो को पकड़कर कोतवाली लाया गया। जहां दो दिन तक दोनो को कोतवाली में रखा और फिर एक युवक अजय निवासी नगरा गुरसराय को सिस्टम यानी पैसे के तहत छोड़ दिया। वही अरविंद अहिरवार निवासी बरमपुरा के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अब सवाल यह उठता है की अगर एक युवक यानी अरविंद अवैध असलहा लिए था । तो दो दिन तक अजय को कोतवाली में किस वजह और किस गुनाह के चलते रखा गया।। क्या पुलिस किसी पर भी पैसे के लिए दबाव बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। वही दूसरा सवाल यह है कि पिछले 6 माह में युवाओं से नाजायज हथियारों की लगातार बरामदगी व युवाओं द्वारा तमाम मोके पर अवेध असलहा प्रदर्शन करने के मामले सामने आ रहे है । आखिरकार इतनी बड़ी संख्या में अवेध असलहे युवाओं को कहां से मिल रहें है। कही ऐसा तो नहीं कि क्षेत्र में अवैध असलाहो का कारोबार तेजी से फल फूल रहा हो।और पुलिस सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनी हो। ज्ञात हो कि लगभग 3 वर्ष पूर्व कोतवाली प्रभारी देवेंद्र द्विवेदी वा पूर्व कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह द्वारा क्षेत्र में चल रहे अवैध असलहा फेक्ट्री का मामला पकड़ा था। तथा भारी मात्रा में असलहे बरामद करते हुए मामला दर्ज किया गया और उक्त कार्य में संलिप्त लोगो को सलाखों के पीछे भेजा था।।जिसकी सराहना नगर के लोगो द्वारा की थी।। तथा सिरफिरे युवाओं ने अवेध असलहो से कुछ समय के लिए दूरी भी बना ली थी।।वही सूत्रों के अनुसार यह बताया गया है की दो दिन तक दोनो की बोली लगाई जा रही थी। जिसमे एक युवक के परिजन सिस्टम के तहत पुलिस की शरण में आ गए और उसे अभयदान दे दिया गया। वही दूसरे अरविंद के परिजन सिस्टम में फिट नहीं बेठे तो उसे सजा सुना दी गई। फिलहाल अब जनता गुंडों माफियाओं के अलावा पुलिस से खुद को सुरक्षित रखने की सरकार से गुहार लगाती हुई नजर आ रही है।