डूब गया ललितपुर का रणछोड़ धाम, खेत-घर और मंदिर सब हुआ जलमग्न, अभी भी खतरा!

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अब मध्य प्रदेश के बाद नदियों का जलप्रलय उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में भी कहर बरपाने लगा है, राजघाट बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया तो ललितपुर जिले में पड़ने वाला रणछोड़ धाम पूरी तरह जलमग्न हो गया है।
ललितपुर: जहां पहले लोगों की चहलकदमी हेाती थी अब वहां चारों तरफ बस पानी ही पानी नज़र आ रहा है। दरअसल कुछ दिनों से लगातार मध्यप्रदेश में हो रही बारिश के चलते बेतवा नदी ने अब रौद्र रूप धारण कर लिया है। बांध में पानी खतरे के निशान के ऊपर आ गया तो लाखों क्यूसेक पानी बांध से छोड़ दिया गया। जिससे अब बेतवा नदी के तटीय क्षेत्रों में पानी का सैलाब आ गया। जिसमें पूरे गांव के गांव जलमग्न होने लगे हैं। खेत, मकान मंदिर सब तरफ पानी ही पानी नज़र आ रहा है। ललितपुर जिले के धौर्रा स्थित रणछोड़ धाम मंदिर का इलाका भी जलमग्न हो गया है। चारों तरफ अब पानी ही पानी नज़र आ रहा है। बीती शाम भी हमारे संवाददाता ने राजघाट बांध से कुछ तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की हैं जो बेहद ही डराने वाली हैं। तेज आवाज के साथ अब बांध से पानी का सैलाब नदी में छोड़ा जा रहा है। यहां रास्ते में पड़ने वाले कई निचले पुल डूब चुके हैं तो कई से मात्र कुछ फीट नीचे ही पानी बह रहा है। कल राजघाट बांध के करीब 16 गेट खोलकर 3 लाख 82 हजार क्योसिक पानी छोड़ा जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी बांध का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आज सुबह भी लगातार पानी बढ़ने से राजघाट बांध के अधिकारियों द्वारा निचले क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बार-बार सूचित किया जा रहा है। सूचना यह भी कि अगर कुछ घंटों में जलस्तर में कमी नही आयी तो इमरजेंसी में बांध के गेटों को और ऊंचा उठाकर पानी की और अधिक निकासी की जा सकती है। बांध के अधिकारियों के द्वारा निचले स्तर पर रहने वाले गांव को सतर्कता बरतने के लिए और राजघाट चौकी इंचार्ज अभिषेक कुमार के द्वारा वायरलेस के द्वारा सूचना लोगों तक पहुंचाई जा रही है। नदी के किनारे खेतों में किसानों की फसल जल मग्न होकर पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। जिससे किसानों का भी बुरा हाल है। यहां क्षेत्र की सभी नदी नाले उफान पर होने से कई गांव से संपर्क टूट गया है.
रिपोर्ट – ललितपुर धौर्रा से सुनील यादव और राजघाट से राघवेंद्र सिंह

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