एडिट By- अर्पित शर्मा 9453111997
“नन्द के आनन्द भयो जय कन्हैया लाल की”
कथा व्यास ने बताया कि सप्तम रूप में रोहणी के गर्भ से बलदाऊ ने जन्म लिया और अष्टम रूप में कन्या के जन्म को देख पापी कंस अचंम्भित हो गया कंस ने जैसे ही कन्या के पैर पकड़ कर जमीन पर मारा की दुर्गा रूपी माँ अंतर्ध्यान हो गई और भविष्यवाणी कर दुराचारी पापी कंस को बताया कि तेरा अंत करने बाला धरा पर जन्म ले चुका है।
आगे कथा में बताया भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र बुधवार को मथुरा के कारागार में देवकी के गर्भ से अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया जन्म लेते ही कारागार के ताले अपने आप स्वयं खुल गये।
कृष्ण जन्म पर “नन्द के आनन्द भयो जय कन्हैयाल लाल की” से पूरा पंडाल गुजमान हो गया और भक्तों ने नृत्य करते हुए अतीसबाजी कर खुशीया मनाई वधाई गीत में पर “नन्द जू के अँगना में बज रही आज बधाईयां” पर श्रोता झूम उठे।
श्रीमद्भागवत कथा में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओ की संख्या ज्यादा रही। अंत मे परीक्षत एकता अमित शर्मा द्वारा श्रीमद्भागवत महापुराण की मंगल आरती उतारी गई। रमाकांत, कृष्णकांत,रविकांत,शशिकांत शर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।