आईपीएल की चपेट में युवा हो रहे बर्बाद, एसओजी का सिपाही निभा रहा विभीषण की भूमिका

झांसी

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झांसी में इन दिनों घटित हो रहे अपराध की जड़ अगर क्रिकेट में लगने वाले सट्टे को माना जाए तो गलत नहीं होगा। झांसी के युवा जब सट्टे की लत में रुपए हार जाते हैं तो फिर उनके मन में पैदा होता है एक अपराधी, कई बार अच्छे घर के युवा कर्ज में डूब जाते हैं और फिर जल्द पैसा कमाने के लिए वह अपराध की दुनिया में भी प्रवेश कर जाते हैं। क्रिकेट में सट्टे का यह गोरखधंधा झांसी जिले सहित ग्रामीण क्षेत्र में एक महामारी की तरह अपने पैर पसार रहा है। जिसकी जद में आकर युवा खौफनाक कदम उठा लेते है। अधिक कर्ज हो जाने के चलते युवा या तो आत्म हत्या का रास्ता अपनाते है या फिर किसी अपराधिक वारदात को अंजाम दे डालते है। जिसका जीता जागता उदाहरण हाल में ही देखने को मिला था जिसमें मऊरानीपुर में कर्ज चुकाने को लेकर भाजपा नेता के बेटे ने अपनी ही लूट की साजिश रची थी। जो अब अपने साथियों के साथ सलाखों के पीछे है।

अब सवाल यह है कि झांसी में खुलेआम क्रिकेट में लगने वाले सट्टा बेखौफ तरीके से संचालित हो रहा है। और झांसी पुलिस अभी तक ऐसे लोगो पर कोई कार्यवाही नहीं कर सकी। सूत्रों की माने तो कहीं सट्टा के कारोबारियों को सत्ता का सरंक्षण प्राप्त है। और दूसरी तरफ पुलिस महकमे के कुछ सिपाही विभीषण की भूमिका में पुलिस की लंका लगाने में लगे है। हालांकि झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एक ईमानदार अधिकारी हैं लेकिन उनकी मंशा को एसओजी टीम के सिपाही पूरा नहीं होने दे रहे।आपको बता दे की झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस लगातार क्रिकेट पर होने वाले सट्टा पर लगाम लगाने की भरपूर कोशिश कर रहे है। वही सूत्रो के हवाले से जानकारी है कि झांसी एसओजी टीम में काफी लंबे अरसे से तैनात एक सिपाही सट्टा के माफियाओं के संपर्क में है। जिसके चलते अभी तक सट्टा माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही नही की जा सकी। वहीं बताया गया है की उक्त सिपाही जिले के ग्रामीण क्षेत्र के जुआ व सट्टा माफियाओं के संपर्क में है। मऊरानीपुर में हुई लूट की घटना की मुख्य वजह सट्टे में हारने वाला कर्ज बताया गया है। इन दिनो सबसे ज्यादा बर्ल्ड कप क्रिकेट का सट्टा झांसी व मऊरानीपुर नगर में चल रहा है। और इन माफियाओं का संबंध कोतवाली से नहीं बल्कि सीधा एसओजी सिपाही से बताया जा रहा है। क्योंकि सिपाही एसओजी टीम में काफी लंबे अरसे से तैनात है। और विभीषण की भूमिका बखूबी निभा रहा है। ऐसे में अब जब तक उस सिपाही पर एसएसपी अपनी नज़र पैनी नहीं करेंगें तब तक जिले में जुआ और सट्टे जैसे कारोबारियों को रोकना असंभव होगा।

रिपोर्ट – ब्यूरो रिपोर्ट झांसी

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