एडिट By – अर्पित शर्मा 9453111997
रिपोर्ट – वीरेंद्र तिवारी
किसानों को पिछली वर्ष भी खरीब की नष्ट हुई फसलो की क्षति का कुछेक किसानों को ही बीमा राशि का लाभ मिल सका था जबकि अधिकतर किसान दफ्तरों के चक्कर लगाते लगाते मायूस होकर शान्त घर बैठ गया था पर बीमा राशि प्राप्त नही हो सकी थी।यही आलम किसानों का रवि की फसलो के साथ हुआ था जो कुदरत के कहर की भेंट चढ़ गई थी। किसान रवि की फसलों को सकुशल अपने घरों तक नही ले जा सका था। किसान निरन्तर कुदरत की मार को झेलता चला जा रहा है और शासन द्वारा किसानों को राहत की जगह केवल आश्वाशन ही दिया जाता रहा है।अपनी खून पसीने से तैयार की गई फसलो को किसान कुदरत के कहर से अपनी आंखों के सामने नष्ठ होता हुआ देखता रहता है। उर्द की फसलें बारिस के पानी से खेतों में सड़ कर नष्ट हो चुकी है पर राजस्व विभाग की टीम द्वारा सर्वे तक नही किया जा रहा है।किसानों ने जिला प्रशासन से बारिस के पानी से नष्ठ हुई उर्द की फसलो का डोर टू डोर सर्वे कराये जाने की मांग की है।