कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों में स्नान को पहुंचे श्रद्धालू, आज चन्द्र ग्रहण भी!

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कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा इस वर्ष ,,7 नवम्बर से 8 नवम्बर तक रहने वाली है। जो सोमवर की शाम ,4.15 बजे से प्रारम्भ होकर 8 नवम्बर मंगलवार को शाम 4.31 बजे तक रहेगी! कार्तिक पूर्णिमा को तमाम क्षेत्रों मे बुड़की के नाम से भी जाना जाता है इस दिन गंगा यमुना आदि पवित्र नदिंयों मे स्नान का बहुत महत्व होता है! कार्तिक माह में तुलसी पूजा का भी काफी महत्व है इस महिने में भगवान विष्णु के साथ ही तुलसी की पूजा भी होती है। धार्मिक मान्यता के अनुशार तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं इसलिए तुलसी पूजा करने पर भगवान विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी भी प्रशन्न हो जाती हैं!
कालपी के खाली पड़े घाट।
कालपी नगर मे आज हजारों श्रद्धालुओ माताओं बहनो की प्रातरू काल से यमुना में स्नान करने की होण लगी रही जहां भक्तो ने स्नान के साथ दान भी किया माताओं बहनों ने सुन्दर सुन्दर भजन गाते हुए विधि विधान से तुलसी मां की पूजा अर्चना और परिकृमा की! कार्तिक पूर्णिमा के पर्व पर जहां लगती थी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ आज सुनशान पडे़ है।
अवैध खनन से बिगड़ा नदी का स्वरुप।
अवैध खनन के चलते कालपी धाम के ऐतिहासिक किलाघाट को छोड़ गई मां यमुना एक समय था जब कालपी नगर तथा क्षेत्र सहित नजदी शहरों उरई पुखरायां कदौरा आदि हजारों की संख्या श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा के पावन स्नान टर्व पर छोटी काशी के नाम से जाने जानी वाले धार्मिक महत्व के पावन नगर कालपी धाम के यमुना के ऐतिहासिक पक्के किले घाट पर श्रद्धा की डुबकी लगाते थे महिलाऐं कार्तिक स्नान करती थी और अंतिम दिन कार्तिक पूर्णिमा पर घाटों परभगवान विष्णू मां लक्ष्मी की पूजा आराधना के साथ तुलसी के पौधे का पूजन और परिकृमाकर सुन्दर सुन्दर भभजन गाती थीं !पर सरकार कीअनदेखी और धन की चाहत में बालू मफिया जिस तरह भारी भारी पोकलेंड मशीनों से दिन रात यमुना का सीना चीरकर जल धारा के बीच से अवैध रेत का खनन करने में लगे है उसने यमुना का स्वरूप ही बदल दिया मांयमुना का अस्तित्व ही खतरे में आ गया अगर इसी तरह होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब यमुना इतिहास के फन्नों में ही रह जाएगी!
रिपोर्ट – मनोज पाण्डेय

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